चंडीगढ़: धनास में बिजली और पानी की समस्याओं ने निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले चार-पांच महीने से, जब से चंडीगढ़ का बिजली विभाग अडानी ग्रुप ने संभाला है, शहर के हर सेक्टर में लोग परेशानी झेल रहे हैं। अब अडानी ग्रुप बिजली विभाग को घाटे में बताकर बिजली की दरें बढ़ाने की बात कर रहा है, जिसका भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
अडानी के हाथ में आते ही बिजली संकट
धनास के निवासियों का कहना है कि अडानी ग्रुप द्वारा बिजली विभाग का अधिग्रहण करने से पहले स्थिति काफी बेहतर थी। लेकिन अब बिजली आपूर्ति में लगातार कटौती और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव आम बात हो गई है। लोगों में इस बात को लेकर खासा गुस्सा है कि एक निजी कंपनी द्वारा बिजली विभाग को ‘घाटे’ में बताकर दरों में वृद्धि की बात करना, सीधे तौर पर आम जनता पर बोझ डालने की तैयारी है। इस मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियां भी एक साथ आकर अडानी ग्रुप के इस कदम का विरोध कर रही हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।
पानी की किल्लत से हाहाकार
बिजली के साथ-साथ धनास में पानी की समस्या भी विकराल रूप ले चुकी है। घरों में लो प्रेशर पानी की सप्लाई आ रही है, जिससे रोजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं। पानी की कमी को पूरा करने के लिए लोग टैंकरों पर निर्भर हैं, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
प्रशासन और नगर निगम पर निष्क्रियता का आरोप
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद प्रशासन और नगर निगम आँखें मूंदे बैठा है। उनकी उदासीनता से लोगों में भारी आक्रोश है। धनास के लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अगर इन मूलभूत सुविधाओं की ऐसी ही दुर्दशा रही तो उनका जीवन और भी कठिन हो जाएगा। यह देखना बाकी है कि प्रशासन और नगर निगम कब तक इस ज्वलंत समस्या पर ध्यान देते हैं और धनास के लोगों को बिजली और पानी की नियमित और पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं।