चंडीगढ़: चंडीगढ़ की सड़कों पर इन दिनों ‘जुगाड़’ वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये जुगाड़, जिनमें आम तौर पर रेहड़ी के नीचे स्कूटर का इंजन लगा होता है, बिना किसी पंजीकरण, बीमा, लाइसेंस या प्रदूषण प्रमाण पत्र के धड़ल्ले से चल रहे हैं। ये वाहन न सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि अपनी बनावट और लापरवाही भरी ड्राइविंग से बड़े हादसों का कारण भी बन रहे हैं।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी
ये जुगाड़ वाहन, जो तकनीकी रूप से दोपहिया या तिपहिया वाहन माने जाते हैं, उन पर कोई भी नियम लागू नहीं होता। इन्हें चलाने वालों के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस होता है और न ही वे हेलमेट पहनते हैं। इसके अलावा, इन वाहनों का कोई बीमा या प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र भी नहीं होता। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ये जुगाड़ चालक ट्रैफिक लाइट की भी अनदेखी करते हैं और अपनी क्षमता से अधिक सामान भरकर सड़कों पर दौड़ते हैं, जिससे संतुलन बिगड़ने और दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है।
पुलिस की कार्रवाई पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस इन वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि ये वाहन यातायात व्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन जुगाड़ वाहनों को सड़क से हटाना या इन्हें नियमों के दायरे में लाना बेहद ज़रूरी है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। नागरिकों ने ट्रैफिक पुलिस से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और सख्त कदम उठाने की अपील की है।