मोहाली, 24 अगस्त 2025 – आज श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश दिवस पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस ऐतिहासिक दिन की याद में मोहाली और चंडीगढ़ के सभी गुरुद्वारों में भारी संख्या में संगत का आगमन हुआ। गुरुद्वारा श्री अंब साहिब जी, मोहाली में विशेष रूप से कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें शामिल होकर श्रद्धालुओं ने गुरु की बाणी का श्रवण किया और अपने जीवन को धन्य महसूस किया।
421 साल पुराना इतिहास
यह पवित्र दिन उस समय की याद दिलाता है जब पांचवें गुरु, धन धन श्री गुरु अर्जुन देव जी, ने 1604 ईस्वी में गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब में धन धन भाई गुरदास जी से श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पावन स्वरूप लिखवाया था। उसी वर्ष, 1604 ईस्वी में, श्री हरमंदिर साहिब में पहली बार श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का ‘प्रकाश’ (प्रतिष्ठापना) हुआ, जिसने सिख धर्म के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा।
श्रद्धालुओं का विशाल समूह
आज के शुभ अवसर पर मोहाली और चंडीगढ़ के गुरुद्वारों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं। श्रद्धालुओं ने गुरु दरबार में शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया और गुरु की महिमा का गुणगान किया। इस दौरान गुरुद्वारों में अटूट लंगर भी वितरित किया गया, जहां सभी ने जाति, धर्म और पंथ से ऊपर उठकर एक साथ बैठकर लंगर छका। इस प्रकार, यह पवित्र दिन सेवा, भक्ति और भाईचारे का संदेश देता हुआ संपन्न हुआ।