नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी आदिवासी समाज के जल, जंगल, ज़मीन और संवैधानिक अधिकारों के संघर्ष में उनके साथ खड़ी है। हाल ही में, आदिवासी समाज के कई प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई जहां उनकी समस्याओं पर गहन चर्चा की गई। यह देखा गया है कि सामाजिक अन्याय से लेकर डिजिटलीकरण के नाम पर ज़मीन छीनने तक, देश के आदिवासी समुदाय लगातार परेशान हैं। कांग्रेस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस लड़ाई में पार्टी उनके साथ है। कांग्रेस का लक्ष्य आदिवासी समाज को राजनीतिक शक्ति देकर सामाजिक रूप से भी मजबूत करना है। इसकी शुरुआत उन्हें कांग्रेस पार्टी के भीतर पद, आवाज और समर्थन देकर की जाएगी। पार्टी के ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत नए ज़िला अध्यक्षों की नियुक्ति आदिवासी और बहुजन समाज की समावेशिता और हिस्सेदारी को ध्यान में रखकर की जा रही है। यह पहल गुजरात से शुरू की गई है और इसे हर प्रदेश में कांग्रेस द्वारा लागू किया जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि आने वाले समय में जब सत्ता में आदिवासी समाज की सशक्त और एकजुट आवाज गूंजेगी, तो वर्तमान की परिस्थितियों में परिवर्तन को कोई नहीं रोक पाएगा।
आदिवासी समाज के संघर्ष में कांग्रेस साथ: राजनीतिक सशक्तिकरण का लक्ष्य
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