चंडीगढ़: नगर निगम की एक महत्वपूर्ण बैठक में, सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी ने लावारिस शवों और अस्थियों के संस्कार में हो रही कथित लापरवाही और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि मार्च 2024 की एफएंडसीसी (फाइनेंस एंड कॉन्ट्रैक्ट्स कमेटी) मीटिंग में एक एजेंडा पास किया गया था, जिसमें लावारिस शवों का संस्कार करने की जिम्मेदारी नगर निगम के जेई को सौंपी गई थी और उन्हें इसके लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया था।
डेढ़ साल से नहीं हुआ अस्थियों का विसर्जन
बंटी ने आरोप लगाया कि एजेंडा पास होने के बावजूद, नगर निगम ने पिछले डेढ़ साल में न तो किसी लावारिस शव का संस्कार किया है और न ही अस्थियों का विसर्जन किया है। जबकि पहले यह काम ऑल इंडिया सेवा समिति द्वारा किया जाता था, जिसके लिए उन्हें प्रति बॉडी मात्र 830 रुपए दिए जाते थे (400 रुपए एंबुलेंस के, 400 रुपए कपड़े के और 30 रुपए संस्कार के)।
उन्होंने बताया कि मार्च 2024 में नगर निगम ने इस काम के लिए 3.50 लाख रुपए का बजट पास किया था। बंटी ने तुलना करते हुए कहा कि पहले की समिति ने 6 साल में 588 शवों का संस्कार किया था, जिसका कुल खर्च लगभग 4.80 लाख रुपए था। वहीं, अगर यही काम नगर निगम करता, तो उसका खर्च 6 साल में 21 लाख रुपए तक होता। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एजेंडा पास होने के बाद भी अस्थियों का विसर्जन न होना आस्था के साथ खिलवाड़ और सीधे तौर पर भ्रष्टाचार का मामला प्रतीत होता है।
मेयर ने बनाई जांच कमेटी
इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए, मेयर ने एक कमेटी का गठन किया है और मंगलवार को कमिश्नर के साथ एक बैठक रखी है। बैठक में यह एजेंडा पास किया गया कि पहले की ‘ऑल इंडिया सेवा समिति’ को ही दोबारा से यह काम सौंपा जाए। अन्य पार्षदों ने भी बंटी का साथ दिया और मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की मांग की।