नकोदर: नकोदर-जालंधर मुख्य मार्ग, जो रोज़ाना हज़ारों यात्रियों और वाहनों का भार सहता है, आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। आदर्श कॉलोनी के समीप एक निर्माणाधीन होटल की विशाल इमारत ने इस व्यस्त मार्ग को दलदल में बदल दिया है। पिछले कई महीनों से निर्माण स्थल से लगातार बहता गंदा पानी सड़क पर जमा हो रहा है, जिससे गहरे गड्ढे बन गए हैं और जगह-जगह पानी की झील जैसी स्थिति पैदा हो गई है। यह स्थिति न केवल रोज़मर्रा के यातायात को बाधित कर रही है, बल्कि पैदल चलने वालों, विशेषकर स्कूली बच्चों और दोपहिया वाहन चालकों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन चुकी है।
नियमों का खुला उल्लंघन और प्रशासन की चुप्पी
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि होटल मालिक न केवल पानी की उचित निकासी का प्रबंध करने में विफल रहा है, बल्कि उसने निर्माण से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियमों का भी खुले तौर पर उल्लंघन किया है। उनके अनुसार, यह स्थिति नगर नियोजन नियमों (Municipal Building Bye-Laws), जल निकासी अधिनियम (Drainage & Sewage Disposal Rules) और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 (Environment Protection Act, 1986) का सीधा उल्लंघन है। सड़क पर गंदा पानी जमा करके आम जनता के लिए खतरा पैदा करना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 268 (सार्वजनिक उपद्रव), धारा 278 (वातावरण को हानिकारक बनाना) और धारा 336 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत भी आता है।
लोगों का साफ कहना है कि यदि यह निर्माण किसी आम आदमी का होता, तो प्रशासन अब तक दर्जनों चालान काटकर काम बंद करवा चुका होता। लेकिन, एक बड़े व्यवसायी के प्रभाव के आगे नगर परिषद और लोक निर्माण विभाग (PWD) दोनों ने चुप्पी साध रखी है।
दुर्घटनाओं का बढ़ता ख़तरा और जनता का गुस्सा
सड़क पर जमा गंदा पानी गड्ढों को छिपा देता है, जिससे दोपहिया वाहन चालक अक्सर फिसलकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। बारिश के बाद तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है। यह जल-जमाव न केवल दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है, बल्कि मच्छरों के पनपने और जल-जनित बीमारियों के फैलने का भी बड़ा स्रोत बन सकता है, जिससे जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। क्षेत्रवासियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नगर परिषद और PWD के पास होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई का पूरा अधिकार होने के बावजूद कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। उनका सवाल सीधा है – “क्या बड़े बिज़नेसमैन की दबंगई आम जनता की जान से ज़्यादा अहम है? क्या प्रशासन सिर्फ़ रसूखदारों के इशारों पर काम करता है?”
हलके के विधायक पर सवाल
लोगों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है, महीनों से जारी है। लेकिन अब तक हलके के विधायक ने एक बार भी मौके पर आकर जनता की परेशानी नहीं देखी।
- क्या विधायक का फर्ज़ सिर्फ़ वोट मांगने तक ही सीमित है?
- क्या उन्हें जनता की तकलीफ़ों से कोई लेना-देना नहीं?
- या फिर वे भी बड़े बिज़नेसमैन की ताक़त के आगे बेबस हैं?
फ़ीडफ़्रंट न्यूज़ इस गंभीर मुद्दे पर विधायक और राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करता है। हमारी मांगें स्पष्ट हैं:
- होटल मालिक पर IPC और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।
- निर्माण कार्य की तुरंत जांच हो और नियमों के अनुसार पानी की निकासी व सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम सुनिश्चित किए जाएं।
- सड़क की मरम्मत युद्ध स्तर पर की जाए ताकि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
- इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह सिर्फ़ नकोदर की समस्या नहीं, बल्कि पूरे पंजाब के उस सिस्टम की पोल खोलती हुई तस्वीर है, जहाँ पैसा और पहुँच, आम जनता की सुरक्षा और क़ानून पर भारी पड़ जाते हैं। यदि सरकार इस गंभीर लापरवाही पर अब भी चुप रहती है, तो जनता का विश्वास प्रशासन से पूरी तरह उठ जाएगा।
