नकोदर: जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, तब से हलका विधायक बीबी इंद्रजीत कौर मान लगातार यह दावा करती रही हैं कि नकोदर हलके में फंडों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और शहर के विकास कार्य प्राथमिकता के आधार पर होंगे। लेकिन, ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। शहर के हालात पर नज़र डालें तो विधायक के ये दावे पूरी तरह झूठे साबित हो रहे हैं, जिसने प्रशासन और सियासी आकाओं की नींदें हराम कर दी हैं!
जैन कॉलोनी: विकास के झूठे वादों का जीता-जागता सबूत
वार्ड नंबर 17, कपूरथला रोड पर स्थित जैन कॉलोनी की सड़क पिछले कई सालों से अधर में लटकी हुई है, और इसका निर्माण कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है। कॉलोनी निवासी कई बार नगर कौंसिल के अधिकारियों और खुद विधायक बीबी मान से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इन मुलाकातों को भी लगभग तीन साल बीत चुके हैं, और हालात जस के तस बने हुए हैं। जैन कॉलोनी के बाशिंदे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि मोहल्ले में सीवरेज पाइपलाइन तो काफी समय पहले बिछ चुकी है, लेकिन पानी की सप्लाई वाली पाइपलाइन अभी तक नहीं डाली गई है। सीवरेज डालने के बाद सड़कों का हाल तो और भी बुरा है; वे पूरी तरह से टूटी-फूटी हैं और उनकी मरम्मत या निर्माण नहीं किया जा रहा। जब भी वे वार्ड की पार्षद रजनी बंगड़ से बात करते हैं, तो उन्हें बस “बहुत जल्द सड़क बना दी जाएगी” का घिसा-पिटा जवाब मिलता है।
कहां गए फंड? E.O. और अधिकारियों के बयान उलझा रहे हैं सवाल!
इस संबंध में जब E.O. (कार्य साधक अधिकारी) से बात की जाती है, तो वे हर बार यही कहते हैं कि “फंड तो बहुत आए हैं, बहुत जल्द सड़क शुरू करवा दी जाएगी।” लेकिन E.O. साहब की यह “बहुत जल्द” कभी नहीं आती। अगर E.O. साहब के कहने के मुताबिक फंड आए हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि वे फंड आखिर कहां खप रहे हैं? अगर इस एक सड़क को बनाने में ही E.O. साहब ने तीन साल निकाल दिए हैं, तो फिर नगर कौंसिल को आ रहे बाकी फंड किसके पास जा रहे हैं? इस सवाल का जवाब अब E.O. साहब को ही शहरवासियों को देना होगा। दूसरी ओर, जब नगर कौंसिल के एक अधिकारी को फोन पर पूछा गया, तो उसने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि इस सड़क को बनाने के लिए टेंडर लग चुका है, लेकिन नगर कौंसिल के पास फंड नहीं हैं, जिस कारण काम रुका हुआ है।
क्या सियासी खींचतान की भेंट चढ़ रहा है नकोदर का विकास?
इस अधिकारी के बयान को सुनकर यह साफ़ हो जाता है कि कहीं न कहीं हलका विधायक ही शहरवासियों से झूठ बोल रही हैं कि शहरवासियों के लिए फंड बहुत हैं। अगर फंड हैं, तो वे कब शहर के विकास कार्यों पर लगेंगे? कब वार्डों में काम होंगे? क्या हलका विधायक और नगर कौंसिल प्रधान की आपसी खींचतान का खामियाजा शहरवासियों को ही भुगतना पड़ेगा? या फिर नकोदर में कभी विकास कार्य होंगे भी या नहीं? नकोदर के लोग इन सवालों के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, और उनकी उम्मीदें अब जवाबदेही और कार्रवाई की मांग कर रही हैं। यदि प्रशासन और नेताओं ने इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया, तो उनका राजनीतिक भविष्य भी इन टूटी सड़कों की तरह ही अंधेरे में डूब सकता है!