चंडीगढ़, 1 सितंबर 2025 – ‘सिटी ब्यूटीफुल’ के नाम से मशहूर चंडीगढ़ अब ‘हादसों का शहर’ बनता जा रहा है। शहर के किसी भी सेक्टर या सड़क पर चले जाएं, आपको छोटे-बड़े खड्डे आसानी से मिल जाएंगे, जो साइकिल, दोपहिया वाहन और ई-रिक्शा चालकों के लिए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। दिन में तो ये खड्डे दिख जाते हैं, लेकिन रात के अंधेरे में ये अदृश्य होकर कई दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, जिससे लोग हाथ-पैर तुड़वा रहे हैं।
लगातार हो रहे हादसे
हाल ही में हुए कुछ हादसों ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है। तीन दिन पहले ही एक महिला, जो डायलिसिस करवाकर सेक्टर 27 की ओर जा रही थी, उसका दोपहिया वाहन एक खड्डे में गिरने से वह घायल हो गई। आज दोपहर लगभग 3 बजे, चितकारा स्कूल से पीजीआई रोड पर एक ई-रिक्शा पलट गया, जिसमें बैठी पांच सवारियों में से दो-तीन लोग चोटिल हो गए।
प्रशासन पर उठे सवाल
इन लगातार हो रहे हादसों ने प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि अगर इन हादसों में किसी के घर का ‘चिराग’ बुझ जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? सड़क पर गड्ढे होना और रात में पर्याप्त रोशनी न होना, दोनों ही दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तुरंत इन खड्डों को भरने और सड़कों की मरम्मत करने की मांग की है ताकि शहर को फिर से सुरक्षित बनाया जा सके और ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।